हर किसी का सपना होता है की उसका अपना एक घर हो और ज्यादातर जब हम घर बनाते हैं तो होम लोन की रिक्वायरमेंट हमको होती है अब जब भी आप होम लोन ले रहे हो तो कुछ बातें आपको हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए
सबसे पहले आपको ये देखना है की जो घर आप खरीद रहे हो वो घर कितने रुपए का होना चाहिए आपके हिसाब से आपकी कमाई के हिसाब से, तो उसका एक फॉर्मूला है की आपकी जो भी एनुअल इनकम है मन लो आप एक साल में ₹1 करोड़ रुपए कमाते हैं तो आप जो घर ले रहें है उसकी कीमत 5X से ज्यादा नही होनी चाहिए है अगर आप 1 करोड़ का साल का कमाते है तो आप 5 करोड़ तक का घर खरीद सकते हैं ये सेफ होता है और ये काफी सही फॉर्मूला है आपके एक साल की इनकम कितनी है उसे 5X कर लीजिए जो भी इनकम आए पास उससे ज्यादा का घर आपको नहीं खरीदना है
मान लीजिए आप तो ₹1करोड़ कमाते है एक साल का और आपको 3 करोड़ का एक घर खरीदना है अब आप होम लोन के लिए जाएंगे तो वहां पे भी कुछ चीजे आपको ध्यान में रखना है सबसे पहले बात होम लोन के लिए जब आप अप्लाई करेंगे तो हम जो होम लोन ले रहें है उसकी किश्त कब तक देनी है कितने टाइम तक चलेगी कोई सी बैंक आपको 10 साल के लिए बोलेगी कोई 20 साल के लिए तो कोई 25 साल के लिए कोई बैंक 30 साल के लिए भी बोल सकता है
अब आपके दिमाग में एक चीज आएगी की अगर हम 20 साल के लिए लोन लेते हैं 20 साल तक हम ईएमआई देते हैं तो शुरुआत में जो ईएमआई है वो कम रहती है यानी की कम अमाउंट की रहती है 15 साल की करते तो ज्यादा अमाउंट की रहती है 10 साल की करते हैं तो और ज्यादा अमाउंट की रहती है और 30 साल की करते तो बहुत कम अमाउंट की ईएमआई आपको देनी पड़ेगी तो ये तो एक चीज हो गई लेकिन इसका दूसरा पहलू भी आप देखिए अगर आप 10 साल के लिए ईएमआई देते हैं और लोन आप 10 साल में देते हैं तो जो ओवरऑल आप पैसा चुकाएंगे टोटल लोन प्लस इंटरेस्ट वो कम होता है 20 साल में चुकाएंगे तो थोड़ा ज्यादा होगा तो जितना हो सके कम टाइम के लिए लोन ले आपको लगेगा की शुरुआत में ईएमआई ज्यादा है लेकिन आप पूरा जो ओवरऑल पैसा बैंक को देने वाले है वो काफी कम होगा
अगर आप 10-15 साल के लिए लोन लेंगे तो आपको ईएमआई हो सकता है थोड़ी ज्यादा देनी पड़े लेकिन एक तो आप जल्दी लोन फ्री हो जाएंगे और ओवरऑल जो आपको रकम चुकानी है बैंक को वो भी कम होगी
अब बात है इंटरेस्ट रेट की तो देखिए कई बार ऐसा होता है की जब आप होम लोन लेने जाते हैं पहले तो आप बैंक में बहुत रिसर्च करें आजकल इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाता है और आप बैंक में जा सकते हैं वहां पर जाकर लोन एग्जीक्यूटिव से बात कर सकते हैं की इंटरेस्ट कितना लगेगा और उसमें आप नेगोशिएट भी कर सकते हैं जी हां आप नेगोशिएट भी कर सकते हैं इंटरेस्ट में बहुत सारे जो लोन एग्जीक्यूटिव होते हैं वो मैनेजर होते हैं बैंक के उनके पास थोड़ी बहुत पावर रहती है की वो आपका लोन थोड़ा बहुत कम ज्यादा कर सकते हैं थोड़ा नेगोशिएट कीजिए ताकि आपको कम इंटरेस्ट पर लोन मिल सके
लोन पे करने के लिए आपको दो ऑप्शन मिलेंगे एक मिलेगा फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट और एक मिलेगा फिक्स इंटरेस्ट रेट अब ये है क्या देखिए फिक्स की अगर बात करें तो फिक्स का मतलब ये है की मान लीजिए आज आपको 11% पे लोन मिल रहा है और ये फिक्स जो इंटरेस्ट रेट है तो जब तक आप लोन को चुकाएंगे तब तक ये 11% इंटरेस्ट आपको देना पड़ेगा अब फ्लोटिंग इंटरेस्ट जो है वो होता है रेपो रेट पर रेपो रेट बड़ ही सकती है और घट भी सकती है आपने फ्लोटिंग लिया तो कल अगर रेपो रेट बड़ जाती है तो ये 13% हो सकती है और अगर रेपो रेट गिर जाती है तो यह 8% भी हो सकता है तो यहां पर फ्लोटिंग में थोड़ा रिस्क है
आप थोड़ा सा दिमाग लगाइए की आपको कौन से वाले इंटरेस्ट को चुनना है वैसे ज्यादातर लोग फ्लोटिंग को ही चुनते है और बैंक भी ज्यादातर फ्लोटिंग की सलाह आपको देता है तो जब भी आप लोन ले लो ये चीज आपको ध्यान में रखती है
अब ये बात आपको शायद कोई नहीं बताया बैंक वाले तो बिल्कुल भी नहीं बताएंगे बैंक वाले आप पे दो चीज का प्रेशर करेंगे पहली चीज तो ये है की वो कहेंगे की आपको इंश्योरेंस भी लेना पड़ेगा आज आपने 15 साल के लिए लोन लिया है कल को आगे आपके साथ कोई अनहोनी हो जाती है याकलपकी मृत्यु हो जाती है कुछ भी प्रॉब्लम हो जाती है तो जो लोन है वो आपकी फैमिली कैसे चुकाएगी कौन चुकाएगा तो वो कहेंगे की हम आपको एक इंश्योरेंस भी करके देंगे ताकि जो इंश्योरेंस कंपनी है वो इस लोन को पे कर सके लेकिन इंश्योरेंस का जो प्रीमियम है वो आपको अभी पे करना पड़ेगा जो आपके लिए ज्यादा हो सकता है
अब यहां पर सबसे बड़ी बात तो ये है की हमको इंश्योरेंस लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए तो ये तो वैसे तो आपकी खुद की चॉइस है आरबीआई का कोई ऐसा नियम नहीं है की बैंक ने जिसको होम लोन दिया है उसको इंश्योरेंस भी देना ही देना है कोई मैंडेटरी नहीं है लेकिन आपके लिए सही है अगर आपके साथ कोई प्रॉब्लम हो जाती है तो आपकी फैमिली पर लोन का बर्डन नहीं आएगा और इंश्योरेंस कंपनी वो पे कर देगी लेकिन यहां पे सबसे बड़ी बात ये है की जब आप होम लोन ले रहे हैं और आपने पहले से कोई इंश्योरेंस ऑलरेडी ले रखा है आपने पहले से ही एक करोड़ का पहले से कोई टर्म इंश्योरेंस भी ले रखा है तो फिर आपको होम लोन के साथ इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके पास ऑलरेडी एक टर्म प्लान है तो अगर आपके पास ऑलरेडी इंश्योरेंस है तो आप बैंक को बता सकते हो की मेरे पास तो ऑलरेडी टर्म इंश्योरेंस है तो अगर मेरे साथ कुछ हैपनिंग हो जाती है तो भी जो मेरी फैमिली है वो लोन का पैसा चुका देगी आपके खुद के ऊपर ही ये जो है डिपेंड करेगा की आपको इंश्योरेंस लेना है या नहीं लेना है सोच समझ के विचार कीजिएगा
अब जब आप बैंक में जाते हो तो सिर्फ इंटरेस्ट रेट की बात करते हो इंटरेस्ट रेट के अलावा आप जब भी बैंक में जाते हो की मुझे एक होम लोन लेना है तो हर बैंक में आप ये भी पूछे की आप कितना चार्ज करोगे क्योंकि फाइल चार्ज सर्विस चार्ज ये भी होते हैं एवं स्टांप ड्यूटी भी होती है जो हर बैंक की अलग-अलग होती है किसी बैंक में हो सकता है फाइल चार्ज 10000 रुपए हो किसी में ₹2000 हो किसी में 20000 रुपए हो तो वो भी आपको पूछना है की आप कितना स्टांप ड्यूटी लेंगे वो आप लगा के देखिए की कौन सा बैंक आपसे कम फाइल चार्ज ले रहा है कम स्टांप ड्यूटी ले रहा है उसको आप चूज कर सकते हैं
अब जो हमारी ईएमआई है कितने रुपए की होनी चाहिए तो एक सिंपल सा फॉर्मूला है की जो भी आपकी मंथली इनकम है जितना भी आप रुपया कमाते हो होम लोन की जो ईएमआई है वो आपकी इनकम की 35% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए अगर उससे आप ज्यादा कर लोगे तो फिर आपको ही दिक्कत आएगी होम लोन की जो ईएमआई है वो आप 35% ही रखिए और इसके अलावा ये पहले आप होम लोन ले लेंगे उसके अलावा अगर आप क्रेडिट कार्ड भी यूज करते हैं और अगर आप कोई और लोन लेते है जैसे पर्सनल लोन लेते हैं और भी कुछ लोन ले सकते हैं या अपने लिया हुआ है तो 15% उनकी जो अपनी इनकम का 15% वहां भी आप जमा कर सकते हैं कुल मिलाकर आपने जितनी भी चीज ले रखी है
आपका अगर व्हीकल लोन चल रहा है कुछ भी चल रहा है या क्रेडिट कार्ड के जो भी फाइनेंशियल आपके जो सिस्टम है उनमें आपकी जो मंथली इनकम है उसका 50% से ज्यादा ईएमआई नहीं होना चाहिए अगर आपके पास अभी तक कोई लोन नहीं है सिर्फ होम लोन आप ले रहे हैं तो आप 35% तक का ईएमआई दे दीजिए अपनी इनकम का मैक्सिमम आप 40% तक की इनकम की ईएमआई दे सकते हैं बाकी का जो 10% आपका बचा है उसमें चाहे आप कोई और लोन लेना चाहे जैसे पर्सनल लोन हो सकता है कार लोन हो सकता है क्रेडिट कार्ड आपको हो सकता है उसको आप वहां पर मैनेज कर सकते हैं इसके बाद 50% आपके पास होना चाहिए ये एक सही फॉर्मूला है होम लोन लेने का